बांस का उपयोग सदियों से कई प्रकार से किया जाता है:आध्यात्मिक और धार्मिक उपयोग: बांस का उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। मंदिरों में ध्वज के लिए, तोरण द्वार बनाने में, और विशेष अवसरों पर बांस की पवित्रता का सम्मान किया जाता है।संगीत वाद्ययंत्र: बांसुरी, जो भगवान कृष्ण के साथ जुड़ी हुई है, बांस से ही बनाई जाती है। बांस से बने अन्य वाद्ययंत्रों का भी उपयोग होता है।कृषि और निर्माण कार्य: बांस को मजबूत और टिकाऊ होने के कारण कृषि उपकरण बनाने में और निर्माण कार्य में उपयोग किया जाता है। बांस की छड़ी, मचान, और बाड़ आदि में इसका उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है।सजावट और हस्तशिल्प: बांस से कई तरह की सजावटी वस्तुएं और हस्तशिल्प बनाए जाते हैं, जैसे कि टोकरी, मैट, फर्नीचर आदि।पारंपरिक चिकित्सा: आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में बांस के विभिन्न भागों का उपयोग किया जाता है। बांस का रस और अन्य हिस्सों का औषधीय महत्व भी है।पारंपरिक रीति-रिवाज: विवाह, उत्सव, और अन्य सामाजिक समारोहों में बांस का उपयोग महत्वपूर्ण होता है। विशेषतः शादी में बांस से बने मंडप का उपयोग होता है।इस प्रकार, बांस सनातन परम्परा में एक बहुउपयोगी और पवित्र पौधा माना जाता है, जिसका उपयोग जीवन के कई क्षेत्रों में होता है।